हरियाणा सरकार ने अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को दिया झटका
Haryana Private Schools
स्थाई मान्यता के लिए भरनी होगी बांड राशि, इमारत के लिए देना होगा प्रमाण
प्रदेश के एक हजार स्कूलों में पढ़ रहे हजारों बच्चों का भविष्य अधर में
चंडीगढ़, 4 जनवरी। Haryana Private Schools: हरियाणा सरकार ने नए साल में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को एक बार फिर से झटका दे दिया है। प्रदेश सरकार हर साल बांड राशि भरने के इन स्कूलों को एक्सटेंशन देती है। नया साल शुरू होते ही स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेश के निदेशक सैकेंडरी तथा एलीमेंटरी को एक पत्र जारी करके इस दिशा में कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं।
निदेशक अब प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से इस संबंध में रिपोर्ट मंगवाएंगे। सरकार द्वारा जारी पत्र के अनुसार नए शिक्षा सत्र में कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कूल संचालकों को बांड राशि 31 मार्च से पहले-पहले जमा करवानी होगी। स्कूल के संचालन को लेकर इमारत के संबंध में पहले से जारी किए गए निर्देशों को लागू करते हुए प्रमाण पत्र विभाग को देना होगा।
प्रदेश में करीब 1032 ऐसे अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल चल रहे हैं जिनमें बच्चे तो हजारों की संख्या में पढ़ते हैं लेकिन उनकी स्थाई मान्यता को लेकर हर साल विवाद होता है। इन स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों के पास अन्य स्कूलों का विकल्प न होने के कारण वह अपनी परीक्षाओं को लेकर तनाव में रहते हैं। फरवरी माह के दौरान दसवीं तथा 12वीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं, लेकिन अभी तक हरियाणा के हजारों निजी अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों के बोर्ड परीक्षा फार्म भी जमा नहीं हो पाए हैं। दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों की चेक लिस्ट भी जारी हो चुकी है।
सरकार ने अपने पत्र में साफ कर दिया है कि अगर निजी स्कूल संचालकों द्वारा स्थाई मान्यता के लिए बांड की राशि नहीं भरी जाती है तो बच्चों के भविष्य को लेकर स्कूल संचालक ही जिम्मेदार होंगे। सरकार द्वारा यह पत्र जारी किए जाने के बाद गुरुवार को निदेशालय ने आगे प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में मौजूदा स्टेटस रिपोर्ट तलब कर ली है। जिसके बाद अस्थाई मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को लेकर सरकार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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